top of page

ज्योतिष सीखें - पहला भाव (लग्न) (Ascendant)


ज्‍योतिष में जन्‍म लग्‍न कुण्‍डली का विशेष महत्‍व है। जातक के जन्‍म के समय आकाश में जो राशि उदित होती है। उसे लग्‍न (प्रथम भाव ) की संज्ञा दी गई है। अर्थात् जन्‍म कुण्‍डली के प्रथम भाव को लग्‍न कहते है । लग्‍न जातक का प्रारंभिक है। जातक जन्‍म लेने से विनाश तक पूर्वजन्‍म के कर्मों को भोगना और नये कर्म को करने के लिये माता के गर्भ से पृथ्‍वी पर जन्‍म लेता है।

Girish Rajoriya

उस समय आकाश में पूर्व में उदय होने वाली राशि जन्‍म कुण्‍डली का प्रारंभिक बिन्‍दु लग्‍न होती है। जन्‍म कुण्‍डली में लग्‍न का विशेष योगदान होता है इस लिये सबसे पहले जातक का प्रथम भाव पर विचार करना चाहिये प्रथम भाव से विचारणीय बातें - जातक का शरीर, स्‍वास्‍थ्‍य , सुन्‍दरता , वर्ण , आ‍कृति रूप, चिन्‍ह , मस्तिष्‍क , स्‍वभाव , मानसिक स्थिति , यौवन, आचरण सुख दु:ख , आयु , व्‍यक्तिव , प्रतिष्‍ठा, आत्‍म बल, मान सम्‍मान, यश प्रारव्‍ध योग, जिज्ञासा, प्रवास, तेज, आचार-विचार विवेक , ज्ञान - अज्ञानता आदि का विचार पहले भाव से करना चाहिये|


लग्‍न से शरीर का विचार

पहला भाव जातक का शरीर या शरीर के अंग घोतक है। - यदि शरीर स्‍वस्‍थ्‍य ऊर्जावान् , वीर्यवान् , शक्तिवान होगा तभी जातक शारीरिक व मानसिक रूप से धन, वैभव, यश , मान सम्‍मान का सुख प्राप्‍त कर सकता है यदि जातक का शरीर अस्‍वस्‍थ्‍य , बलहीन, कष्‍टमय है तो जातक सुख, वैभव आदि उपभोग नही कर सकता इसलिये सर्वप्रथम लग्‍न से शरीर, स्‍वास्‍थ्‍य, सुन्‍दरता, वर्ण आकृति , रूप , मानसिक स्थिति आदि पर विचार करना चाहिए।

  1. पहला भाव में शुभ ग्रहों हो व लग्‍नेश बलवान होकर त्रिकोण में हो जातक का शरीर स्‍वस्‍थ्‍य व सुन्‍दर होता है|

  2. लग्‍नेश शुभ ग्रहों से युक्‍त हो तथा लग्‍न पर गुरू की दृष्टि हो तो जातक स्‍वस्‍थ्‍य, शरीर से हष्‍ट पुष्‍ट होता है।

  3. कर्क लग्‍न में चन्‍द्र-गुरू एक साथ हो तभी जातक स्‍वस्‍थ्‍य व सुन्‍दर बुद्धिमान होता है ।

  4. लग्‍नेश बलवान होकर केन्‍द्र या त्रिकोण में हो तथा शुभ ग्रह की दृष्टि हो तो जातक हष्‍ट पुष्‍ट , सुन्‍दर व स्‍वस्‍थ होता है।

  • लग्‍नेश व पहला भाव पर पाप ग्रहों की दृष्टि व युक्ति न हो तो उक्‍त योग से जातक का शरीर अच्‍छा रहता है।

  • लग्‍नेश पहले भाव में शुभ ग्रहों से युक्‍त हो तो जातक , सुन्‍दर , स्‍वस्‍थ , अच्‍छे विचार के वाला होता है।

  • शुभ ग्रहों के साथ लग्‍नेश केन्‍द्र में हो चन्‍द्रमा बली होकर कुंडली के पहले घर में बैठा हो तो जातक , सुन्‍दर , ज्ञानी , और मानसिक स्‍तरता अच्‍छी होती है ।

  • लग्‍नेश लाभ भाव में शुभ ग्रहों से दृष्टि हो तथा लग्‍न पर भी शुभ गृह का प्रभाव हो जातक, निरोगी, व सुखी होता है।

  • लग्‍नेश कुंडली के पहले घर में शुभ ग्रहों से युक्‍त हो तो जातक , सुन्‍दर , स्‍वस्‍थ , अच्‍छे विचार के वाला होता है।

  • शुभ ग्रहों के साथ लग्‍नेश केन्‍द्र में हो चन्‍द्रमा बली होकर लग्‍न में बैठा हो तो जातक , सुन्‍दर , ज्ञानी , और मानसिक स्‍तरता अच्‍छी होती है ।

  • लग्‍नेश लाभ भाव में शुभ ग्रहों से दृष्टि हो तथा पहला भाव पर भी शुभ गृह का प्रभाव हो जातक, निरोगी, व सुखी होता है।

  • लग्‍नेश अपने नवांश या उच्‍च नवांश में हो साथ ही केन्‍द्र या त्रिकोण में शुभ ग्रह के साथ हो जातक को शरीर से अच्‍छा सुख प्राप्‍त होता है।

  • लग्‍नेश एकादश में हो और पहला भाव पर शुभ ग्रह बैठा हो तो जातक सुन्‍दर स्‍वस्‍थ होता है।

  • लग्‍नेश 6,8,12 वे भावों में और लग्‍न में पापी ग्रहों की दृष्टि हो तो जातक रोगी, कष्‍टमय रहता है।

  • कुंडली के पहले घर मे शनि, राहु युक्‍त हो तथा सूर्य की दृष्टि हो जातक को मस्तिष्‍क रोग हो और साथ में नेत्र रोग भी होता है ।

  • लग्‍नेश व षष्‍ठेश युक्‍त हो और शनि की दृष्टि हो तो जातक को गुप्‍तरोग या मूत्र रोग होता है।

  • 11-कुंडली के पहले घर में मंगल पाप प्रभाव में हो तो जातक को सिर रोग होता है। कर्क लग्‍न में पापी ग्रहों की युति हो चन्‍द्रमा निर्बल हो तो जातक मानसिक रोगी होता है ।

  • जन्म पत्रिका के पहले भाव में शनि चन्‍द्र का योग हो लग्‍नेश षष्‍ठं भाव में है । तो जातक का शरीर कमजोर होता है।

  • मकर लग्‍न हो तथा लग्‍नेश दशम में हो तो जातक पतला व लम्‍बा होता है।

  • जन्म पत्रिका के पहले भाव में पाप ग्रह हो लग्‍नेश व चन्‍द्रमा निर्बल हो तो जातक मानसिक पीड़ा से दु:खी है ।

  • जन्म पत्रिका के पहले भाव से केन्‍द्र में पाप ग्रह हो और लग्‍नेश 6, 8,12 वे भाव में हो तो जातक किसी अंग से विकलांग होता है।

  • लग्‍नेश वक्रों होकर छठे भाव में तो जातक नेत्र रोगी होता है।

  • लग्‍नेश-अष्‍टमेश के साथ हो तथा कुंडली के पहले घर में राहु हो तो जातक अस्‍वस्‍थ व विचारहीन होता है।

लग्‍न से व्‍यक्तिव

लग्‍न से जातक का व्‍यक्तिव देखा जाता है उसका समाज में क्‍या प्रभाव है उसका यश, मान सम्‍मान, आचरण आदि का विचार कुंडली के पहले घर से करना चाहिये बिना व्‍यक्तिव के जीवन में प्रतिष्‍ठा नही मिलती समाज में कई महान व्‍यक्तिव के धनी हुये है जैसे विवेकानंद , महात्‍मा गांधी , रामकृष्‍ण परमहंस , शंकराचार्य आदि महापुरूष हुये जिन्‍होने महान विचारों से प्रतिष्‍ठा व यश मिला है ।

  • लग्‍नेश चतुर्थ भाव में उच्‍च या स्‍वराशि होकर बैठा हो तो जातक प्रसिद्ध होता है।

  • जन्म पत्रिका के प्रथम भाव में तुला का गुरू हो लग्‍नेश चतुर्थ भाव में चन्‍द्र से दृष्टि हो तो जातक व्‍यक्ति का धनी होता है।

  • लग्‍नेश वर्गोत्‍तम हो लग्‍न में उच्‍च का मंगल हो तो जातक सुप्रसिद्ध होता ।

  • जन्म पत्रिका के प्रथम भाव में उच्‍च का मंगल व लग्‍नेश केन्‍द्र में उच्‍च का हो तो जातक वीर होता है अपनी वीरता के बल से प्रसिद्ध होता है।

  • लग्‍न में शुभ ग्रह की दृष्टि हो तथा लग्‍नेश व नवमेश एक साथ त्रिकोण में हो तथा गुरू की दृष्टि हो तो जातक अपने बल पर प्रतिष्‍ठा प्राप्‍त करता है।

  • कुंडली के पहले घर में गुरू चन्‍द्र या शनि, चन्‍द्र एक साथ हो लग्‍नेश नवम मे हो तथा चतुर्थेश व पंचमेश से दृष्टि हो तो ऐसे जातक संत होकर प्रसिद्ध होते है।

  • कुंडली के पहले घर में पंचमेश व लग्‍नेश एक साथ हो शुभ ग्रह गुरू की दृष्टि से व और भाग्‍येश के साथ चन्‍द्र, शनि हो तो जातक संत बनकर अपने महान् विचारों से प्रसिद्ध होता है ।

  • लग्‍न में कर्क राशि का चन्‍द्र - गुरू हो तो जातक अपने ज्ञान के बल से प्रतिष्‍ठत होता है ।

  • बुध शुक्र एक साथ जन्म कुंडली के पहले भाव में और गुरू की दृष्टि हो तो जातक अपने कला के बल से प्रसिद्ध प्राप्‍त करता है ।

  • मीन राशि में गुरू, बुध, शुक्र एक साथ हो तो जातक अपने महान विचार से प्रसिद्ध प्राप्‍त करता है।

  • लग्‍न में उच्‍च का सूर्य हो तथा लग्‍नेश मंगल दशम में हो तो जातक देश का प्रधानमंत्री या मंत्री होकर महान प्रतिभावान होता है।

  • उच्‍च का चन्‍द्रमा जन्म कुंडली के पहले भाव में तथा लग्‍नेश ग्‍यारह के भाव में गुरू के साथ हो तो जातक अपनी वाणी व कला से प्रतिष्‍ठा प्राप्‍त करता है।

..........शेष अगले क्रमांक में

लेखक :- श्री गिरीश राजोरिया जी

जिला भिंड, मध्य प्रदेश

Mob.7509930140

(ज्योतिष पर हिंदी में विडियो देखने के लिए Youtube पर क्लिक करें| Facebook पर जुड़ने के लिए फेसबुक पर क्लिक कें करें| ज्योतिषीय सलाह के लिए क्लिक करें |

Hozzászólások


Featured Posts
Recent Posts
Archive
Search By Tags
Follow Us
  • Facebook Basic Square
  • Twitter Basic Square
  • Google+ Basic Square

For free Astrology updates

& Astro quiz invitation

  • Facebook Astro Life Sutras
  • YouTube Social  Icon
  • Twitter Social Icon
  • Google+ Social Icon

Call

T: 91-9821820026

    91-9999486218 

© Copyright Astro Life Sutras
bottom of page