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Forum Posts

Rajesh
Sep 27, 2022
In Questions & Answers
पाचवे भाव से संतान भी देखते है शिक्षा भी देखते है दोनों का कारक भी एक ही है तो इन दोनों में अंतर कैसे करे क्योकि यह जरूरी नहीं है की जिसकी संतान नहीं हो उसकी शिक्षा भी अच्छी नहीं होगी और जिसकी संतान हो उसकी शिक्षा भी अच्छी हो नितिन सर इस विषय पर आपका कोई भी विडिओ नहीं है कृपया इस पर विडिओ देने की कृपा करें
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Rajesh
Sep 25, 2022
In Questions & Answers
हम दशाक्रम को देखे जोकी इस प्रकार हैअ चं भो राजी श बू केशु यह दशा क्रमआया कहा से ? गृहबुध- शुक्र -पृथ्वी -मंगल- गुरु -शनि के क्रममैं है ज्योतिष मैंपृथ्वी की जगह सूर्यको गृह माना हैक्योकि पृथ्वी से देखने परसूर्य पृथ्वी के चक्कर लगताहुआ दिखता है और चंद्रको भी गृह मानाहै अब ग्रहो काक्रम होता है बुध -शुक्र -सूर्य -चंद्र -मंगल- गुरु -शनि यह होगए सात गृह ज्योतिषमें नो गृहलिए गएहै रह गए राहुकेतु राहुको मंगल और गुरुके बीच मैं स्थानदिया गया है औरकेतु को राहु के opposite स्थान दिया गया हैतो अब ग्रहो काक्रम हो गया बुध - केतु -शुक्र -सूर्य -च्नद्र -मंगल -राहु -गुरु -शनि सूर्यग्रहो क राजा हैऔर वैदिक काल मैं नक्षत्रो की शुरुवात कृतिका नक्षत्रसे होती थी इसलिए सूर्य से दशा आरभहुयी और विशोत्तरी दशाक्रम हुआ अ चंभो रा जी शबू के शु क्या राहु का asteroid belt से कोई connection है वैसेतो हम सभी जानते है की राहु और केतु छाया गृह हैऔर सूर्य से पृथ्वी और पृथ्वी से चन्द्रमा के परिक्रमा पथ केकटान बिंदु है दशाक्रम को देखने परयह प्रश्न उठता है की राहुको मंगल और गुरुके बीच मैं ही जगह क्यों दी गयी , वहां किसी गृह केलिए स्थान है , यह जानकारी हमारे ऋषि मुनियो को हज़ारो साल पहले पता थी जोकी Kepler ने आपने 3rd law Kepler’s laws of planetary motion जो की ग्रहो के rotation time को लेकर है कहीथी “ between mars and Jupiter I place a planet “ और बाद में 1801 मैं Giuseppe Piazzi ने सबसेबड़े asteroid जिसका नाम CERES है को खोजीथी इसे आज भी dwarf planet कहा जाता है इसका mass चन्द्रमाके mass का 4% है। आज सभीको पता है कीमंगल और गुरु केबीच asteroid belt है जहा लाखो asteroid है दशा क्रम में मंगल और गुरु के बीच राहु का होना और राहु का छाया गृहहोना और वास्तविकता मैं मंगल औरगुरु के बीच मेंएक गृह का स्थानहोना और वहां गृहका material होना पर अन्य ग्रहो जैसे गृह का नहीं होना ज्योतिष में ग्रहो के कारकत्व mythology और ग्रहो की properties के आधार पर हैअब राहु के कुछ कारकत्व और asteroid की properties कोदेखे क्या कुछ समानताहै उनमे राहु के कारकत्वमें कीड़े मकोड़े /जटिल रोगो के virus / अस्थिरता /mystery का कारक है यह सब asteroid की properties से बहुत समानता रखताहै जोकी कीड़े मकोड़े जैसे लाखो की संख्या में uncounted होते है और आज भी mystery बने है इस सब बातो कोध्यान में रखते हुएआप लोग अपनी रायदीजिये क्या राहु और asteroid में कोई कनेक्शन है क्या
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Rajesh
Dec 24, 2021
In Questions & Answers
दो गृह राशि परिवर्तन कर रहे हो और परिवर्तन करने वाले ग्रह के साथ भी एक एक गृह हो तो क्या परिवर्तन करने वाले गृह के साथ बैठे गृह का भी दूसरे भाव मैं बैठे परिवर्तन करने वाले गृह से सम्बन्ध /कनेक्शन हो जाता है क्या? मान लो मेष लग्न की पत्रिका हो लग्न मैं सूर्य और बुध हो 5th मैं मंगल और शनि हो सूर्य और मंगल का तो राशि परवर्तन के कारण सम्बद्ध बना पर क्या बुध का मंगल से और शनि का सूर्य से कोई सम्बन्ध/कनेक्शन है क्या ?
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Rajesh
Dec 19, 2021
In Questions & Answers
नितिन सर GOCHAR SECRET मैं आपने 5नियम बताये थे जिसमे से लग्नेश जिस राशि जिस अंश पर हो उससे त्रिकोण मैं भावेश आये अथवा भावेश जिस राशि जिस अंश पर स्थित हो उससे त्रिकोण मैं लग्नेश आये तो उस भाव के कार्यो की सिद्धि होती है और एक नियम यह भी कहता है की किसी भी भावेश जिस राशि जिस अंश पर स्थित हो उससे त्रिकोण मैं गुरु गोचरवश आये तो उस भाव की कार्य सिद्धि होती है पर अष्टकवर्ग टेबल को देखे पर मालूम होता है की मंगल गुरु को अपने जन्म कालीन स्थानसे 1-2-4-7-8-10-11 स्थान पर होना पसंद करता है और मंगल गुरु को अंक दे देता है इसमें 5-९ स्थान नहीं आया है इसी प्रकार गुरु मंगल को अपने जन्मकालीन स्थान से 6-10-11-12 स्थान पर होना पसंद करता है और गुरु मंगल को अंक दे देता है यहाँ भी 5-9नहीं आया मंगल और गुरु एक दूसरे 5-9 होने पर अंक नहीं दे रहे है और षडाष्टक और द्विद्वादश होने पर भी अंक दे रहे है जब गुरु मंगल लग्नेश और भावेश हो तो इनके गोचर और कार्य सिद्धि को कैसे समझे
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Rajesh

Gulati

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