जय श्री राम 🙏🙏, गुरुजी ने ऐसे ही एक प्रश्न का अपनी लाइव वीडियो मे उत्तर देते हुए कहा था की अगर केंद्र मे अधिक गृह ऐसे जातक की जिंदगी मे हमेशा कुछ न कुछ चलता या तो बहुत अच्छा टाइम या फिर परेशानी का, ऐसे जातक की लाइफ स्थिर या boring नही होती । लग्न मे लग्नेश् शनि का होना अच्छा है यह आपको अच्छी सेहत देगा, आपका कद अपने race यानी आप जिस area se belong करते हो वहा के हिसाब से लंबा होगा, यह सारी बाते सटीक तभी लगेंगी जब शनि और लग्न की डिग्री पास मे हो शनि लग्न की डिग्री से दूर न हो मंगल, और शनि का प्रभाव आपको ज्यादा मोटा नही होने देगा, दो क्रूर गृहों के प्रभाव की वजह आपका nature थोड़ा सा गुस्से वाला हो सकता है , यह आपको impatient भी बना सकते है यह मंगल की degree पर निर्भर है मंगल लग्न की डिग्री के कितनी पास है। मंगल चतुर्थेश भी है इसका मतलब आपके स्वभाव पर आपकी माता का बहुत प्रभाव होगा। अष्टमेश् सूर्य का नीच का होकर और पूर्ण दिगबल के साथ दशम भाव मे बैठना कार्यक्षेत्र के लिए ज्यादा अच्छा नही है क्युकी अष्टम भाव अचानक से होने वाली परेशानी दिखाता है तो यह अच्छा नही है, मंगल और बुध परेशानी नहीं देंगे क्युकी मंगल चतुर्थेश और एकदशेष है दोनो material gain ke लिए अच्छे है, बुध नवमेश् है और मित्र राशि मे है है, अगर सूर्य भाव चलित मे दूसरे भावों मे चले जाए तो अच्छा है और बुध और मंगल अस्त न हो वह भी अच्छा रहेगा। अगर शनि का प्रभाव ज्यादा हुआ तो जातक मे patience होगा और वह introvert और न्यायप्रिय भी हो सकता है, और अगर मंगल लग्न की डिग्री के ज्यादा पास हुए तो मंगल के गुण जातक मे ज्यादा होंगे वह गुस्से वाला,impat ient, जल्दी मे गलती कर देने वाले स्वभाव का हो सकता है, यह मंगल उसे शारिरिक मेहनत करने वाला बना सकते है।
@lakshay sangwan shi btaya apne ....but yha bhav chalit me shani 12 me or mangal or surya 9 me shift ho gye h ....career me pareshani h ...konsa career thik rhega or chijo ko kese thik kar skte h
जय श्री राम 🙏🙏, गुरुजी ने ऐसे ही एक प्रश्न का अपनी लाइव वीडियो मे उत्तर देते हुए कहा था की अगर केंद्र मे अधिक गृह ऐसे जातक की जिंदगी मे हमेशा कुछ न कुछ चलता या तो बहुत अच्छा टाइम या फिर परेशानी का, ऐसे जातक की लाइफ स्थिर या boring नही होती । लग्न मे लग्नेश् शनि का होना अच्छा है यह आपको अच्छी सेहत देगा, आपका कद अपने race यानी आप जिस area se belong करते हो वहा के हिसाब से लंबा होगा, यह सारी बाते सटीक तभी लगेंगी जब शनि और लग्न की डिग्री पास मे हो शनि लग्न की डिग्री से दूर न हो मंगल, और शनि का प्रभाव आपको ज्यादा मोटा नही होने देगा, दो क्रूर गृहों के प्रभाव की वजह आपका nature थोड़ा सा गुस्से वाला हो सकता है , यह आपको impatient भी बना सकते है यह मंगल की degree पर निर्भर है मंगल लग्न की डिग्री के कितनी पास है। मंगल चतुर्थेश भी है इसका मतलब आपके स्वभाव पर आपकी माता का बहुत प्रभाव होगा। अष्टमेश् सूर्य का नीच का होकर और पूर्ण दिगबल के साथ दशम भाव मे बैठना कार्यक्षेत्र के लिए ज्यादा अच्छा नही है क्युकी अष्टम भाव अचानक से होने वाली परेशानी दिखाता है तो यह अच्छा नही है, मंगल और बुध परेशानी नहीं देंगे क्युकी मंगल चतुर्थेश और एकदशेष है दोनो material gain ke लिए अच्छे है, बुध नवमेश् है और मित्र राशि मे है है, अगर सूर्य भाव चलित मे दूसरे भावों मे चले जाए तो अच्छा है और बुध और मंगल अस्त न हो वह भी अच्छा रहेगा। अगर शनि का प्रभाव ज्यादा हुआ तो जातक मे patience होगा और वह introvert और न्यायप्रिय भी हो सकता है, और अगर मंगल लग्न की डिग्री के ज्यादा पास हुए तो मंगल के गुण जातक मे ज्यादा होंगे वह गुस्से वाला,impat ient, जल्दी मे गलती कर देने वाले स्वभाव का हो सकता है, यह मंगल उसे शारिरिक मेहनत करने वाला बना सकते है।