जय श्री राम इसके लिए आपको शनि और चंद्रमा एक दूसरे से कौनसे भाव मे बैठे है उस पर ध्यान देना होगा, और आपको राहु के राशि स्वामी चंद्र के बल को देखना होगा, राहु पर किसी गृह की दृष्टि है क्या या राहु की किसी गृह के साथ युति है।अगर योगकारक गृह की राहु पर दृष्टि हुई तो राहु के फल को वह प्रभावित करेगा और राहु अपनी दशा मे उस गृह के भावो का फल देंगे। ऐसा ही युति मे होगा परंतु वह गृह खुद पीड़ित होकर राहु की वजह से फल नही दे पायेगा, लेकिन राहु अपनी दशा मिली गृह के शुभ फल देगा।
जय श्री राम इसके लिए आपको शनि और चंद्रमा एक दूसरे से कौनसे भाव मे बैठे है उस पर ध्यान देना होगा, और आपको राहु के राशि स्वामी चंद्र के बल को देखना होगा, राहु पर किसी गृह की दृष्टि है क्या या राहु की किसी गृह के साथ युति है।अगर योगकारक गृह की राहु पर दृष्टि हुई तो राहु के फल को वह प्रभावित करेगा और राहु अपनी दशा मे उस गृह के भावो का फल देंगे। ऐसा ही युति मे होगा परंतु वह गृह खुद पीड़ित होकर राहु की वजह से फल नही दे पायेगा, लेकिन राहु अपनी दशा मिली गृह के शुभ फल देगा।