प्रणाम गुरुदेव,
एक छोटी सी शंका समाधान करें 🙏🙏
शनि की ढैया एवं साढ़े साती के प्रभाव एवं दुष्प्रभाव से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। इसीलिए जातक इसकी अवधि समाप्त होने की प्रतीक्षा करता है। अवधि समाप्त होने पर कोई उसे ये बताता है कि राशि से पंचमस्थ शनि भी प्रतिकूल ही है। और, पंचमस्थ शनि के दुष्प्रभाव के कुछ दक्षिण भारतीय ग्रंथों का उदाहरण भी दे देता है। मेरी शंका ये है कि क्या वास्तव में पंचमस्थ शनि, ढैया एवं साढ़े साती से भी अधिक दुष्प्रभावकारी है ? यदि है तो किस प्रकार ? 🙏