जय श्री राम , 2सरे और 11वे भाव का आपस में संबंध होना और दोनो ग्रहों का बलि होना investment me सफलता दिला सकता हैं क्युकी 2सरा भाव savings ka होता है और वो अगर 11वे भाव से संबंध बनाए तो यह यूं भी दिखा सकता है की आप अपनी savings से लाभ लेंगे ,पंचम भाव का बलि होना भी जरूरी है,बुध का भी बलि होना जरूरी है।
मंगल धनिष्ट नक्षत्र में है , 2सरे भाव के के स्वामी भी अच्छी स्तिथि में है शनि दशमेश होकर लग्न से परिवर्तन कर रहे हैं, पंचमेश भी बलि है , भाग्येश लग्न में जा कर बैठे है, यह धन की अच्छी स्तिथि दिखाता है ।investment के लिए ठीक कुंडली है, कृपया यूं देख ले की केतु लग्न की डिग्री से दूर हो तब यह कार्यक्षेत्र के लिए ज्यादा अच्छा होगा,investment तभी करे जब महादशा और अंतरदशा अच्छी चल रही हो और आपको अच्छी जानकारी हो । के लिए अच्छी कुंडली है क्योंकि षष्ठेश कमजोर हैं, लग्नेश उच्च के हैं और भाग्येश लग्न में है। शनि नीच है और दिगबल से दूर यह शुरुआत में थोड़ी परेशानी कर सकते है परंतु उसके बाद सफलता मिलने की संभावना है।
जी ,यह कुंडली राजनीति में सफलता के लिए अच्छी है , सप्तमेश अच्छे बैठे है। लग्नेश भी दिग्बल और राशिबल में काफी अच्छे है, सूर्य भी अग्नि तत्त्व राशि में बैठे हैं । कर्मेश और लग्नेश का परिवर्तन फायदा देगा परंतु शुरुआत में थोड़ी बाधाओं के बाद , षष्ठेश काफी कमजोर हैं तो यह भी अच्छा है। अगर केतु दशम भाव से भाव चलित में नवम भाव में सरक जाए और सूर्य नवांश में मेष चले जाए तो और अच्छा होगा ।
जय श्री राम , 2सरे और 11वे भाव का आपस में संबंध होना और दोनो ग्रहों का बलि होना investment me सफलता दिला सकता हैं क्युकी 2सरा भाव savings ka होता है और वो अगर 11वे भाव से संबंध बनाए तो यह यूं भी दिखा सकता है की आप अपनी savings से लाभ लेंगे ,पंचम भाव का बलि होना भी जरूरी है,बुध का भी बलि होना जरूरी है।
Can be seen through D-2