Sir i have many questions so shall ask one by one in due course. So to start for meena lagna Jupiter and moon in 5th and mars in 7th and Saturn in 1st and rahu in 2nd and in moon dasha in the D9 of Sagittarius lagna moon Saturn in 12th and rahu mars in 8th. How do u read this in terms of dasha phal. I have read that in d9 one doesn’t look at houses its the exchange that matters but am not convinced. Does d9 for non marriage things work by just exchanges and which rasi has planet gone too or is there neech bhang and vipreet raj yog etc also important. Confused totally. Regards ajay mansukhani. I am nee here but an eklavya to u as I watch a lot of your videos but haven’t been able to ask u or talk to u or any such even after a lot if efforts. Pl help.
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नवमांश में चन्द्र व्रश्चिक का ही रहेगा ।
So in d9 where do we consider moon. In cancer or scorpio. In cancer then it’s vargotama Correct??
Sorry forgot to mention. Thank you so much for the reply and also for such a quick reply. So nice of you
जय श्री राम 🙏🏻 आपके सवालों का उत्तर सर से बेहतर कोई नहीं दे सकता फिर भी जितना हम सर से सीख पाए हैं उसके अनुसार सबसे पहले और मुख्य बात कि कोई भी योग विपरीत राज योग हो या नीच भंग हमें लग्न कुंडली में ही देखना चाहिए । दूसरा आपने चंद्रमा की महादशा के बारे में पूछा तो जन्म कुंडली में स्वराशि का लग्नेश के साथ केंद्र त्रिकोण का सम्बंध बना कर राजयोग बना रहा है जो कि अच्छा है आपने डिग्री नहीं बताई तो इस बात का ध्यान देना होता है कि महादशा नाथ के नक्षत्र में कौन गया और चंद्रमा किसके नक्षत्र में गया । रही बात नवमांश में चंद्र की स्थिति की तो वह गया तो क्रूर नवमांश में लेकिन तत्व समान है । और भी कई नियम होते हैं जिससे महदशा नाथ के बल का और फल का विचार करते हैं मेरे अनुसार चन्द्र पंचम भाव के फल अधिक देगा क्यूँकि नवमांश में 8 num की राशि में चंद्र है जो कि लग्न से नवम और स्वम से पंचम तो शुभ फल की प्राप्ति होगी ।