Jai shree Ram. What to say about a person whose langesh is either in it's own Rashi or exaltation but in 6,8 and 12 house with no malefics aspect or yoga. Like for libra Venus in 6 or 8 house. Similarly for Aquirius Saturn in 12 house or Jupiter in 8 for saggitarius. Also since 8 house is of scandals, 6 is of dispute and 12 is of expenditure or loss so do they inheritly have these qualities in them? you.
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When lagnesh goes to trik houses but in good dignity means native will find something positive there also or rise up in life after facing all the odds.
6- competition will make you grow
8- reasearch/ inlaws/ inheritance works in your favour
12- going abroad/ letting go of your ego.... Helps to uplift.
अगर लग्नेश त्रिक भाव मे चला जाता है और वो शत्रु या नीच का हो तो उसे सेहत के लिए अच्छा नही मानते पर जैसा की आपने पूछा अगर वो 6,8,12 मे उच्च या स्वग्रहि हो तो सेहत के लिए बुरा नही होगा,हर भाव निम्नलिखित प्रभाव देखने को मिलेगा:-
1.6ठे भाव मे लग्नेश् उच्च या स्वग्रहि हो व्यक्ति तो व्यक्ति परेशानियों का सामना करके आगे बढेगा क्युकी लग्न तो ताकतवर होगया परंतु वह शत्रु, रोग, ऋण के भाव मे बैठे गया तो आदमी जितने जोखिम उठायगा उन ही आगे बढ़ेगा ऐसे व्यक्तियों को मेहनत का काम करना बहुत अच्छा लगता है। ऐसा व्यक्ति पुलिस, फौज, जासूस, डॉक्टर, कुश्ती या ऐसे खेल जिनमे बल का पर्योग होता हो उसमे जाना चाइये, खासकर वृश्चिक लग्न वालो को खेल ,पुलिस, सेना इत्यादि मे जाने से विशेष लाभ होगा।
बस इतना है ये जातक लिखवा के लाया है की मेहनत के बिना कुछ नही मिलेगा। शेयर मार्केट मे ऐसे जातक अच्छा करते है, और ऐसे जातक खर्च भी सही कामों मे करते है।
2.8वे भाव मे लग्नेश् उच्च का या स्वग्रहि हो तो वो उस व्यक्ति को पूरी उमर अचानक से होने वाली घटनाओ का सामना बहुत करना पड़ता अब ये अचानक से होने वाली घटनाएं अच्छी होंगी या बुरी पूरी तरह से इस बात पर निर्भर है की इस लग्नेश् पर शुभ मित्र ग्रहो की दृष्टि है या क्रूर और शत्रु ग्रहो की ऐसा वव्यक्ति ज्योतिष, LIC, कोयला खदान या फिर किसी जासूस का काम, रिसर्च मे भी विशेष सफलता मिलती है। यह पैत्रिक संपत्ति के लिए भी एच योग है।
3.अगर लग्नेश् उच्च या स्वगृही हो 12वे भाव मे अगर आप इसके बारे मे सोचो तो सिर्फ कुंभ लग्न ऐसा लग्न है जिसमे लग्नेश् बारहवे भाव मे स्वग्रहि होता है और किसी लग्न मे उच्च या स्वग्रहि होने की संभावना नही है। तो कुंभ लग्न मे लग्नेश् के बाहरवे भाव मे जाने से अपने घर से दूर जाने पे विशेष सफलता मिलेगा जरूरी नही है विदेश ही जाना हो अपने राज्य से बाहर जाने पर भी सफलता प्राप्त होगी। अच्छे कार्यो मे खर्चे करेगा, ऐसे जातक के शत्रु उसका कुछ नही बिगाड़ पाएंगे, ऐसे जातक को नींद भी अच्छी आती है, कुंभ लगन मे दूसरे भाव पर शनि की दृष्टी से पैसे की कमी कभी नही होगी। शनि नवम भाव को भी अपनी दृष्टि से देखेगा इसलिए जातक भाग्यावान भी होगा और वो तीर्थ यात्राओं पर भी जायेगा। बस इसमे जरूर यू ख्याल रखना की शनि पर किसी पाप गृह की दृष्टि या युति न हो नही तो जातक पूरी उमर सेहत के मामले मे परेशान रहेगा और उसे नेत्र रोग होने की संभावना होगी।
तीनो ही स्तिथि मे ख्याल रखना की लग्नेश् पीड़ित न हो वरना जो अच्छी चीज़े बताई है उनका विपरीत फल मिलेगा। जय श्री राम 🙏🙏🌸🌸
It's good condition from neech and combust