जय श्री राम 🙏🙏मेरे हिसाब से ये काफी अच्छा योग है क्युकी यहाँ पर गुरु नवमेश् और मंगल
( पंचमेश्) की युति है वो भी काफी करीबी, इसका मतलब इस जातक को परिवार का सहयोग मिलेगा ,पिता का सहयोग मिलेगा,पिता को दादा जी का सहयोग मिलेगा इसका मतलब पुश्तों से परिवार अच्छा खासा है।मंगल योग कारक गृह है ,ऊपर से लग्न मे यह नवांश मे यह मकर राशि के हैं इसका मतलब उच्च के है इससे इनकी नीचता मे जरूर कमी आयेगी, उपर से दिगबलि और उच्च के और काफी पास की युति है सिर्फ 3 डिग्री का अंतर है। गुरु बैठे भी धनु नवांश में हैं, यह जातक को काफी धार्मिक बनायेगा अगर लग्न की डिग्री इस युति के पास हुई तो बहुत अच्छा। दश्मेश् और नवमेश् की युति की वजह ऐसे जातक को पिता का बहुत सहयोग मिलेगा कार्यक्षेत्र मे, भाग्य का सहयोग मिलेगा, ऊपर से इस युति मे शुक्र भी है 11वे भाव के स्वामी इसका मतलब आपको लाभ भी मिलता रहेगा। 3,6,10,11 भावों के स्वामी भी की भी युति है , यह सारे उपचय भावों के स्वामी है इसलिए यह इस जातक को बहुत मेहनती बनायेगा, कार्यक्षेत्र मे उन्नति देगा और जैसे जैसे जातक की उमर बढ़ेगी इन फलो और वृद्धि होगी। मंगल को वैसे कर्मो के लिए भी देखा जायेगा और वह दो - दो शुभ गृहों के प्रभाव मे है इसलिए यह जातक कर्म भी बहुत अच्छे करेगा। मंगल - शुक्र की युति भी अच्छा ही प्रभाव देगी ऐसा जातक बहुत passionate होगा और गुरु का प्रभाव ऐसे जातक को अपने उपर control भी रखने देगा। यह जातक को शुक्र, मंगल और गुरु की दशा अंतरदशा मे लब देगा चंद्र - बुध या बुध- चंद्र के समय मे भी अच्छे फल मिलेंगे।,🙏🙏
जी हाँ, बस शुक्र मंगल दूसरे भाव का फल देंगे, इस युति का फल फिर भी मिलेगा और शुक्र 11वे का स्वामी होकर 2सरे मे बैठ कर धन योग का फल देंगे।
जय श्री राम 🙏🙏मेरे हिसाब से ये काफी अच्छा योग है क्युकी यहाँ पर गुरु नवमेश् और मंगल
( पंचमेश्) की युति है वो भी काफी करीबी, इसका मतलब इस जातक को परिवार का सहयोग मिलेगा ,पिता का सहयोग मिलेगा,पिता को दादा जी का सहयोग मिलेगा इसका मतलब पुश्तों से परिवार अच्छा खासा है।मंगल योग कारक गृह है ,ऊपर से लग्न मे यह नवांश मे यह मकर राशि के हैं इसका मतलब उच्च के है इससे इनकी नीचता मे जरूर कमी आयेगी, उपर से दिगबलि और उच्च के और काफी पास की युति है सिर्फ 3 डिग्री का अंतर है। गुरु बैठे भी धनु नवांश में हैं, यह जातक को काफी धार्मिक बनायेगा अगर लग्न की डिग्री इस युति के पास हुई तो बहुत अच्छा। दश्मेश् और नवमेश् की युति की वजह ऐसे जातक को पिता का बहुत सहयोग मिलेगा कार्यक्षेत्र मे, भाग्य का सहयोग मिलेगा, ऊपर से इस युति मे शुक्र भी है 11वे भाव के स्वामी इसका मतलब आपको लाभ भी मिलता रहेगा। 3,6,10,11 भावों के स्वामी भी की भी युति है , यह सारे उपचय भावों के स्वामी है इसलिए यह इस जातक को बहुत मेहनती बनायेगा, कार्यक्षेत्र मे उन्नति देगा और जैसे जैसे जातक की उमर बढ़ेगी इन फलो और वृद्धि होगी। मंगल को वैसे कर्मो के लिए भी देखा जायेगा और वह दो - दो शुभ गृहों के प्रभाव मे है इसलिए यह जातक कर्म भी बहुत अच्छे करेगा। मंगल - शुक्र की युति भी अच्छा ही प्रभाव देगी ऐसा जातक बहुत passionate होगा और गुरु का प्रभाव ऐसे जातक को अपने उपर control भी रखने देगा। यह जातक को शुक्र, मंगल और गुरु की दशा अंतरदशा मे लब देगा चंद्र - बुध या बुध- चंद्र के समय मे भी अच्छे फल मिलेंगे।,🙏🙏