नमस्कार सर 🙏🏻 जितना हमने सर से सीखाहै एवं मेरी अल्पमती के अनुसार प्रव्यज्जा योग में चंद्रमा और दशमेश महत्वपूर्ण होता है । पंचम में आपने कई ग्रह बताए परन्तु पड़ाई के लिए दशा बहुत महत्वपूर्ण होती है पंचमेश कारक लग्नेश को भी देखना होता है । लेकिन पंचम में जब कई ग्रह होते है तो परेशानी रुकावट दे सकते है ।
जैसा कि ऊपर के कमेंट कहां है की दशा का पढ़ाई पर बहुत असर पड़ता है। साथ ही में आप पंचमेश की स्थिति जरूर देखें। और जितने भी ग्रह पंचम भाव में बैठे हैं उनकी डिग्रियां जरूर देखें और वह अपनी मित्र राशि में बैठे हैं या स्वराशि में बैठे हैं। और पंचम भाव का असर बौद्धिक स्तर पर ज्यादा पड़ता है। भाव चलित में भी जरूर देखें कि कोई ग्रह है दूसरे घर में तो नहीं चला गया, और अगर आपको ही देखना है कि व्यक्ति कहां तक की पढ़ाई करेगा जैसे बीए तक की करेगा पिया एम ए तक की करेगा उसके लिए चौथा भाव देखना बहुत जरूरी होता है। और पंचम भाव पर इतने सारे ग्रहों का प्रभाव होने के कारण इस व्यक्ति की काफी विषयों में रूचि होगी और अगर कोई ग्रह है उच्च या स्वराशि का बैठा है तो इस व्यक्ति का बौद्धिक स्तर भी बहुत अच्छा होगा। और अगर राहु पृथ्वी तत्व या वायु तत्व की राशि में पंचम भाव में बैठा हूं तो यह भी भौतिक स्तर को बहुत बड़ा देता है। जय श्री राम🙏🙏🌸🌸
Motivation for Moksha can be because of two reasons-
You are in a hopeless situation in life thus want to ‘escape’. A negative motivation so the effect is temporary, ie as long as the negative situation in your life persists you will want to embrace asceticism.
Or you genuinely wants to know your own Self... this is a positive motivation. The purpose is clear, Self-realisation, Moksh
नमस्कार सर 🙏🏻 जितना हमने सर से सीखाहै एवं मेरी अल्पमती के अनुसार प्रव्यज्जा योग में चंद्रमा और दशमेश महत्वपूर्ण होता है । पंचम में आपने कई ग्रह बताए परन्तु पड़ाई के लिए दशा बहुत महत्वपूर्ण होती है पंचमेश कारक लग्नेश को भी देखना होता है । लेकिन पंचम में जब कई ग्रह होते है तो परेशानी रुकावट दे सकते है ।
जैसा कि ऊपर के कमेंट कहां है की दशा का पढ़ाई पर बहुत असर पड़ता है। साथ ही में आप पंचमेश की स्थिति जरूर देखें। और जितने भी ग्रह पंचम भाव में बैठे हैं उनकी डिग्रियां जरूर देखें और वह अपनी मित्र राशि में बैठे हैं या स्वराशि में बैठे हैं। और पंचम भाव का असर बौद्धिक स्तर पर ज्यादा पड़ता है। भाव चलित में भी जरूर देखें कि कोई ग्रह है दूसरे घर में तो नहीं चला गया, और अगर आपको ही देखना है कि व्यक्ति कहां तक की पढ़ाई करेगा जैसे बीए तक की करेगा पिया एम ए तक की करेगा उसके लिए चौथा भाव देखना बहुत जरूरी होता है। और पंचम भाव पर इतने सारे ग्रहों का प्रभाव होने के कारण इस व्यक्ति की काफी विषयों में रूचि होगी और अगर कोई ग्रह है उच्च या स्वराशि का बैठा है तो इस व्यक्ति का बौद्धिक स्तर भी बहुत अच्छा होगा। और अगर राहु पृथ्वी तत्व या वायु तत्व की राशि में पंचम भाव में बैठा हूं तो यह भी भौतिक स्तर को बहुत बड़ा देता है। जय श्री राम🙏🙏🌸🌸
Motivation for Moksha can be because of two reasons-
You are in a hopeless situation in life thus want to ‘escape’. A negative motivation so the effect is temporary, ie as long as the negative situation in your life persists you will want to embrace asceticism.
Or you genuinely wants to know your own Self... this is a positive motivation. The purpose is clear, Self-realisation, Moksh