1) In Capricorn Ascendant 8th lord sun 22.18 posited in lagna along with venus {retrograde} 00.28, Mercury {retro+combust}13.46.........what results can be a native gets.
2) In same Capricorn Ascendant the 7th lord moon posited in 6th house along with rahu {retro}....... and saturn {retro} posited in 9th house along with mars.......native got divorced and searching for a partner....my question is why he got divorced and about 2nd marriage
Thanks🙏
जय श्री राम 🙏🙏🙏🙏🌸🌸, जी इस कुंडली मे दो वक्री गृह लग्न मे ही विराजित है इसका मतलब जातक को जिंदगी मे बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव देखने होंगे, अष्टमेश् भी लग्न मे बैठे हेक्सि और वो शनि के मित्र भी नही है इसका मतलब संघर्षो के बाद ही किसी भी चीज की प्राप्ति होगी। हालाँकि की पंचमेश् और नवमेश् की युति है परंतु सूर्य इसको भंग कर रहा इसका मतलब का बनते बनते बिगड़ेंगे।
2 point- आपने पूछा की जातक जा तालाक क्यों हो तो इसका मुख्य कारण होगा सप्तमेश् का छट्टे भाव मे राहु के साथ बैठना और सप्तम भगवा पो पर दो वक्री गृहों की और अष्टमेश् की दृष्टि के कारण एक और दिक्कत है की शुक्र मकर मे है तो यह जातक को ज्यादा ही practical बना सकती है। लग्नेश् और नवमेश् का परिवर्तन है इसलिए थोड़ी परेशानियों के बाद जरूर सफलता मिलेगी। इस कुंडली मे पांच गृह ओरितवि तत्व राशि मे है तो सलाह है रिश्तों मे ज्यादा practical न हों। दूसरी शादी के लिए इनकी नवांश कुंडली मे शुक्र सप्तमेश और लग्नेश् की स्तिथि देखो।