सर, आपका स्वागत है। आपको सुनना सदैव प्रबोधक होता है। प्रश्नों के विस्तार की धृष्टता के लिए क्षमा कीजियेगा। प्रश्न 1: क्या नवांश एवं अन्य वर्गों में भी दृष्टि का विचार राशि कुंडली की तरह ही किया जाता है? प्रश्न 2: वर्गों में गोचर का विचार भी क्या राशि कुंडली की तरह ही होता है? प्रश्न 3: कुंडली देखते समय "आपकी" दृष्टि सर्वप्रथम किन बिंदुओं पर पड़ती है ? कुंडली में विभिन्न स्तिथियों को तुलनात्मक रूप से किस तरह देखा जाता है? जैसे राशि में ग्रह का बल, अथवा ग्रह की अवस्था (मुदित इत्यादि), या भाव में ग्रह, कारक की अवस्था, या गोचर या दशा को कितना वज़न दिया जाए, या अष्टकवर्ग में ग्रह को, षड्वर्ग को या षोडश-वर्गीय बल को, या नक्षत्र अधिपति को, राशि अधिपति को, ग्रह-मैत्री को इत्यादि ? क्या इसका कोई तय मानक है ?
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आप अगर सर का यह वीडियो देखेंगे तो इससे आपको समझ आएगा कि वर्ग कुंडलियों मैं गोचर देखा जाता है
जी,सर वर्ग कुंडलियों में दृष्टि संबंध का विचार करते हैं।