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Difference between Aries, Leo and Saggitarius:
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smitagupta0503
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Aug 08, 2022
प्रणाम 🙏 इसको हम कालपुरुष की कुंडली के अनुसार समझ सकते है जैसे मेष राशि लग्न में जातक को पुरुषार्थी , उत्साही , नेतृत्व की क्षमता धैर्य की कमी देगी वहीं सिंह राशि पंचम में जातक को स्वाभिमानी , उच्च पद , शुध आचार विचार वाला , नेतृत्व करने वाला बनएगा और नवम धनु जो जातक को बुद्धिमान , धार्मिक , ज़िम्मेदार , ज्ञानी बनाएगा अब जब कुंडली के मुख्य ग्रह इसमें होंगे तो जातक महापुरुष जैसे होंगे जिनके लिए सम्मान बहुत ज़रूरी हो जाता है कुछ मिले न मिले सम्मान ज़रूर मिले । जब किसी में अधिक गुण आ जाते हैं तो परिस्थितियों के अनुसार बदलने में बहुत मुश्किल होती है । अपने विचार पर अड़े रहते हैं लेकिन दिल के साफ़ होते हैं ।
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Depression and psychological problems
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smitagupta0503
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Aug 04, 2022
प्रणाम 🙏🙏 जैसा क़ि सभी जानते है चंद्र शनि की युति अवसाद देती है चंद्रमा पर शनि की दृष्टि भी लेकिन दोनो की डिग्री पर ध्यान देना ज़रूरी है यदि दोनो के बीच 15 डिग्री से अधिक का फ़ासला है तो परेशानी नहीं होगी साथ ही यदि चंद्र शनि की डिग्री से आगे है तो भी नहीं होगी इसी तरह दृष्टि में भी डिग्री का ध्यान देना ज़रूरी है। न सिर्फ़ चंद्र शनि ही बल्कि यदि चंद्रमा पर जलीय ग्रह का प्रभाव हो चंद्रमा जलीय राशि में हो तब भी भावात्मक परेशानी हो सकती है क्यूँकि जातक भावुक बहुत होंगे रिश्तों में अपेक्षायें बड़ जाती हैं और यदि पूरी न हो तो परेशानी होती है । जब इनसे सम्बंधित ग्रहों की दशा अंतर्दशा आएगी तो गोचर भी प्रभावित करेगा जैसे यदि कुंडली में शनि चंद्र को देख रहा है और गोचरवश भी शनि जन्मकुंडली के चंद्र को देख ले तो वो समय कठिन हो सकता है ।
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Amavasya yog for aries lagna??
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smitagupta0503
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Aug 03, 2022
Profession mein changes bhi de sakta hai . 🙏
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Bad marriage life if Venus exalted
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smitagupta0503
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Dec 20, 2021
जय श्री राम 🙏 तलाक़ या शादी के लिए चन्द्र कुंडली काल पुरुष की सातवीं राशि भी महत्वपूर्ण हो जाती है हालाँकि आपने सातवीं राशि मे मंगल और शनि की दृष्टि की बात की है परन्तु चंद्रमा का ज़िक्र नहीं है । एकादश भाव में न सिर्फ़ शुक्र बुध गुरु है बल्कि राहु भी देख रहा है तो एक से अधिक रिश्तों की संभावना को प्रबल कर रहा है । इसके पीछे मुझे तीन कारण लगते है एक तो शुक्र बुध युति जिसमें कि एक लग्नेश तो जातक काफ़ी आकर्षित व्यक्तित्व का होता है द्ववस्वभाव राशि में पंचमेश बुध के साथ जातक को चंचलता भी देगा सप्तम सप्तमेश पीड़ित । व्रष लग्न में सप्तम में कालपुरष की आठवीं राशि आती है जो कि गुप्त भाव है तो कुछ गुप्त रिश्तों की संभावना बन जाती है यदि कुंडली में और भी योग हो तो ।
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2 malefic and one benefic conjuction
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smitagupta0503
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Dec 19, 2021
जय श्री राम 🙏 बुध और शुक्र की राशियाँ छोड़ कर बाक़ी ग्रह की राशि में ये तीनो शत्रु राशि के होंगे धन की स्थित जानने के लिए किस भाव के स्वामी हैं ये जानना ज़रूरी है क्यूँकि यदि कुम्भ लग्न हो तो लग्नेश नवमेश की युति हो जाएगी और राहु योग कारक हो जाएगा तब ये धन के लिए अच्छा होगा परंतु यदि यहीं मीन लग्न हो तो अष्टमेश और द्वादशेश की युति हो जाएगी और राहु negative हो जाएगा तब ये ठीक नहीं है । रही बात शुक्र के कारतत्व की तो ये स्थिति बहुत अच्छी नहीं रहेगी कभी तो भौतिक सुखों की लालसा बहुत बड़ जाएगी तो कभी विरक्ति का भाव एक भ्रम की स्थिति बनी रह सकती है यदि राहु और शनि के बीच शुक्र हो और तीनो close degree पर हों ।
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Navmansh use for d1
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smitagupta0503
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Dec 14, 2021
@ajay manukhani 🙏🏻🙏🏻
Navmansh use for d1
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smitagupta0503

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