आप का योगकारक ग्रह जहां भी देखेगा, जहां पर भी बैठेगा अच्छा ही सोचेगा आपके लिए पर क्योंकि वह क्रूर ग्रह है उसका काम करने का तरीका क्रूरता भरा होगा। योगकारक अगर शनि है और सप्तम सप्तमेश से संबंध बनाता है तो शादी में नीरसता ला सकता है पर शादी को टूटने नहीं देगा। योगकारक अगर मंगल है तो शादी में झगड़े करवा सकता है फिर भी शादी टूटने नहीं देगा। अगर और कोई क्रूर प्रभाव है फिर बात अलग हो जाती है। महत्व इस बात को दिया जाता है कि वह ग्रह आपके लिए क्या सोचता है और क्या करना चाहता है। अगर सप्तम भाव से वह ग्रह तीसरे का स्वामी है तो, आपके पति या पत्नी के जीवन में तीसरे भाव का महत्त्व होगा जैसे छोटे भाई बहन से अच्छे या बुरे संबंध, कला में रुचि ।
आप का योगकारक ग्रह जहां भी देखेगा, जहां पर भी बैठेगा अच्छा ही सोचेगा आपके लिए पर क्योंकि वह क्रूर ग्रह है उसका काम करने का तरीका क्रूरता भरा होगा। योगकारक अगर शनि है और सप्तम सप्तमेश से संबंध बनाता है तो शादी में नीरसता ला सकता है पर शादी को टूटने नहीं देगा। योगकारक अगर मंगल है तो शादी में झगड़े करवा सकता है फिर भी शादी टूटने नहीं देगा। अगर और कोई क्रूर प्रभाव है फिर बात अलग हो जाती है। महत्व इस बात को दिया जाता है कि वह ग्रह आपके लिए क्या सोचता है और क्या करना चाहता है। अगर सप्तम भाव से वह ग्रह तीसरे का स्वामी है तो, आपके पति या पत्नी के जीवन में तीसरे भाव का महत्त्व होगा जैसे छोटे भाई बहन से अच्छे या बुरे संबंध, कला में रुचि ।