12 वे भावमें एकी चरणके चंद्र केतु युति पञ्चमके बक्री गुरुसे सडास्टक सम्बन्दमे सुख स्थानमे उच्चके मंगलको नवमेश सें युत सनिकि तिस्रि दृष्टि अस्त ओर बक्री लग्नेश नीचके सुर्येके साथ लगनमे। बस् ओर इससे क्या चाहिए। जहेर या अमृत क्या दिया इसे पर्मात्माने।
इस् कुण्डली में सुख ओर सान्ती नामके कोहि चिज नजर आयेग आपको। Please बतादेन। 86 के कुंडली हे।